मेरे दुख मेरे अपने हैं
किसी को कैसे दिखाऊँ
अपनी छाती में हुए घावों को
सीना चीर कर जिसने
मेरा लहू पिया है
वही मुस्कराता मेरे सामने खड़ा है
वो हँसता है,ठहाके लगाता है
तुम्हारे खून से मै
ताकतवर बन गया हूं
तुम मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते
मैं जब चाहूँ
तुम्हारा लहू पी सकता हूँ
मैं देखता हूँ अपने जख्मों से
रिसते लहू को