क्यों पुकारते हो
जब कोई तुम्हारी बात नहीं सुनता
तुम कमजोर नहीं हो
चलो और खुद करो अपनी मदद
हाथ बढ़ाओ करो उनकी मदद
जिन्हें जरूरत है तुम्हारी
मत देखो उन्हें
जो तुम्हारे पास होकर भी
तुमसे दूर हैं
नहीं है वो तुम्हारे योग्य
तुम समर्थ हो
उठो और आगे बढ़ो
उनके लिए
जिन्हें जरूरत है तम्हारी