बेसबब यों ही उठ कर
न जाया करो ,
हर आहट पर
धड़कन रुक रुक जाती है,
तेरे इन्तजार में …।
मैं जानता हूँ…।
तू गया है, न लौटने के लिए
पर इस दिल पर मेरा ,
इख्तियार नहीं है
लाख समझाता हूँ मैं इस दिल को ,
पर ये ,
मेरा रहा ही कहाँ?
जो मेरी बात सुने..
और तू भी नहीं है …
इसे समझाने की खातिर…।