कुछ वादे किए थे उसने , कुछ कसमें खाई थीं हमने,
वो चाहतों का दौर था…
मेरा खूने-दिल जो कर गया…वो तू नहीं ,कोई और था।
वफा़ की उम्मीद कहाँ करता है ,ऐ दिल
दुनिया बदल गयी है, रिश्ते बदल गये हैं ।
यूं ही उठ कर जो चल देते हो , मेरे करीब से ।
बेखबर होके चले आया करो कभी ,मेरे नसीब से।
दिल फरेब हैं बहुत वादे तेरे ,मगर ।
मैं गुज़रा हुआ वक्त हूँ ,जो गुजर गया तो गुज़र गया।
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Very painful and emotional……but really nicely penned
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Thanks for motivation
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