सर्द हवाओं ने दिल दुखाया बहुत है ,
आज़ हमें कोई याद आया बहुत है ।
फूलों पे जमे हैं नमी के कतरे
रात को कोई यहाँ रोया बहुत है ।
मेरी मुहब्बत की दास्तान तुमसे न पढ़ी जाएगी
व़रक पे आँसुओं के निशान बहुत हैं ।
सर्द हवाओं ने दिल दुखाया बहुत है ,
आज़ हमें कोई याद आया बहुत है ।
फूलों पे जमे हैं नमी के कतरे
रात को कोई यहाँ रोया बहुत है ।
मेरी मुहब्बत की दास्तान तुमसे न पढ़ी जाएगी
व़रक पे आँसुओं के निशान बहुत हैं ।
Mohabbat ne kis kis ko shayr nhi banaya
Kv hme h dubaya kv apko h dubaya
Shi kaha n??
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बहुत खूब 👍👍👍
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Respect 🙏 touching
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Thanks again 😊
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