तुम मेरी दुआओं में शामिल हो,
कब हुए ,मैं नहीं जानती
जलते हुए पैरों के नीचे जलती धरती थी
झुलसाता आकाश था
रूह पर कितने ज़ख्म थे
खुश्क आँखों में लहू जमा था
कहीं कोई न था
दूर-दूर तक न था
सूनी राहें, सूनी आँखे
गुबार भरे दिन
खा़क उड़ाती रातें
यातनाएं, यातनाएं, यातनाएं
अपनी लाश उठाए जिए जाने का दर्द
क्या होता है,शायद तुमने ही देखा ,मेरी आँखो में
तुम्हारा संग ,मेरे लिए
बरसों से तपती धरती पर
पहली बारिश जैसा था
अचानक और अप्रत्याशित
जैसे तुमने मुझे सहेजा
वक्त थम सा गया था
वो पल था
बस,वही एक पल था
तुम मेरी दुआओं में थे
बस वही एक पल था
तुम मेरी दुआओं में शामिल हो गये
अब तुम मेरी दुआओं में हो ।।।
Waaah
Awesome
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Thank you so much 😊
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लाजवाब
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धन्यवाद
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