कब से नहीं देखा तुमको,कहाँ ह़ो तुम
तेरी इक झलक को तरसते हैं,कहाँ हो तुम
बेख्याली में भी तेरा ख्याल है,कहाँ हो तुम
आवाज देकर ही बुला ले मुझको
वर्ना देखोगे ,कोई ख़ाक में मिल गया
ढूढोगे,औरपूछोगे, कहाँ हो तुम ।।।
कब से नहीं देखा तुमको,कहाँ ह़ो तुम
तेरी इक झलक को तरसते हैं,कहाँ हो तुम
बेख्याली में भी तेरा ख्याल है,कहाँ हो तुम
आवाज देकर ही बुला ले मुझको
वर्ना देखोगे ,कोई ख़ाक में मिल गया
ढूढोगे,औरपूछोगे, कहाँ हो तुम ।।।
Nice…
LikeLiked by 1 person
Thanks…
LikeLike