इक बार इधर नज़रें इनायत त़ो कर
और देख मुहब्बत क्या होती है
ख़ुद क़ो खोया फिर भी न पाया तुझको
यारा देख कयामत क्या होती है
जुनून-ए-मुहब्बत में सब भूल गया
तू देख इबादत क्या होती है
अब न आऊंगा तेरे दर पे कभी
देख ले आशिक की शराफत भी क्या होती है ।।।
इक बार इधर नज़रें इनायत त़ो कर
और देख मुहब्बत क्या होती है
ख़ुद क़ो खोया फिर भी न पाया तुझको
यारा देख कयामत क्या होती है
जुनून-ए-मुहब्बत में सब भूल गया
तू देख इबादत क्या होती है
अब न आऊंगा तेरे दर पे कभी
देख ले आशिक की शराफत भी क्या होती है ।।।
Bahut khub……jabardast
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धन्यवाद😊
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Wow!! Loved it ❤
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Thank you so very much 😊😊😊
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