कुछ मुख़्तसर सी बात थी
फिर भी लिहाज़ में
हम खा़मोश ही रहे
तुम जाने क्या-क्या कह गये
हल्की सी टीस दिल में बाकी है
ख़्याल-ओ-ख़्वाब
किस कदर बिखर के रह गये
ख़ुद को भूले हुए थे हम
तेरे इश्क में इस कदरतेरी जफा़ओं से आज,हम दर-ब-दर हो के रह गये
कुछ मुख़्तसर सी बात थी
फिर भी लिहाज़ में
हम खा़मोश ही रहे
तुम जाने क्या-क्या कह गये
हल्की सी टीस दिल में बाकी है
ख़्याल-ओ-ख़्वाब
किस कदर बिखर के रह गये
ख़ुद को भूले हुए थे हम
तेरे इश्क में इस कदरतेरी जफा़ओं से आज,हम दर-ब-दर हो के रह गये
Bahut badiya likha ap ne ☺☺
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Thank you so much 😊😊😊
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