वो एक पल मेरा ख्व़ाब था
या मेरी आँखों में ख़ुमार था
क्यों दिल मेंं मेरे कसक सी थी
क्यों आँखों में गर्द-ओ-गुबार था
न मलाल कर ये ख़ता है तेरी
इक ख़्वाब था जो बिखर गया
वो अश्क था तेरी आँख का
तेरी आँख से जो उतर गया
न लौट कर अब आयेगा
वो गुजर गया तो गुजर गया ।
कब मिले थे मुझे ये ख़्याल नहीं
मेरी रूह को छूके कोई गुजर गया ।
बहुत बढ़िया
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बहुत बहुत धन्यवाद 😊😊😊😊😊
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Umda…bahut khub…👌👌
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Thank you so very much,😊😊😊😊😊
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