इन लम्हों में कुछ न सोचो
तपती हुई राहें हैं, और तन्हा से हम-तुम
अल्फा़ज़ महके हुए,कुछ बहके हुए हम-तुम
झिलमिलाते हैं आँखों में रुके हुए आँसूं
इस मिलने बिछड़ने के मंजर से जरा निकलें
अब के बिछड़े तो शायद फिर न मिले हम-तुम
इन लम्हों में कुछ न सोचो
तपती हुई राहें हैं, और तन्हा से हम-तुम
अल्फा़ज़ महके हुए,कुछ बहके हुए हम-तुम
झिलमिलाते हैं आँखों में रुके हुए आँसूं
इस मिलने बिछड़ने के मंजर से जरा निकलें
अब के बिछड़े तो शायद फिर न मिले हम-तुम
That’s beautiful 👍👍💝
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Thank you so very much 😊😊😊😊😊
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Bahut khub👌👌👌
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शुक्रिया 😊😊😊😊😊
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बहुत खूब लिखते है।
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आपका बहुत बहुत धन्यवाद😊😊😊😊
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Very nice
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Thank you so much 😊😊😊😊😊
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Welcome
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😊😊😊😊😊
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