मेरे ख़्यालों में इस तरह न आया करो
मुझे जाने क्या-क्या गुमां होता है
वक्त -बेवक़्त का ख़्याल किसे है
तुमसे न मिलूँ तो ,दिल बड़ा उदास रहता है
भरा है दिल ,पुरनम हैं आँखें
इस तरह तसल्ली न दे मुझे
वो हौसला मैं लाऊँ कहाँ से
तेरी यादें जो भुला दूँ दिल से
हश्र की रात है और तुम्हारे जाने का वक्त भी
दिल से लहू जैसे कोई निचोड़े लिऐ जाता है।।
Bahut badhiya…behatarin👌👌👌
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Thank you so much 😊😊😊😊😊
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