कब मिला था तुमसे कुछ याद नहीं है
लगता है जैसे सदियाँ गुज़र गयीं
तू तन्हा न मिला मुझको
वहशत में तमाम उम्र गुज़र गयी
मुसलसल तुझको ही ढूँढा किये हम
भटकते-भटकते तेरी तलाश में ज़िन्दगी गुज़र गयी
एक तुझे चाहा और तू ही न मिला
तेरी याद में तमाम उम्र गुज़र गयी