कोई शिकवा नहीं है,न कोई शिकवा करना चाहता हूँ
शिकायतें उनसे होती हैं,जो दिल के क़रीब होता है
जो क़रीब होते हैं,उनसे उम्मीदें होती हैं
उम्मीदें जागती हैं तो ख़्वाब बुनते हैं
और जब ख़्वाब आने लगते हैं तो,
उनके टूटनेका डर होता है
और मैं ख़्वाबों को टूटते नहीं देख सकता
इसलिये मुझे शिकवा नहीं है,किसी से ।
सही है !!!!!
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शुक्रिया😊😊😊
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