रामायण और महाभारत महाकाव्यों की तरह यूरोप का महाकाव्य इलियड और ओडिसी को माना जाता है । इलियड यूरोप का प्रथम महाकाव्य है ,जिसकी रचना महाकवि होमर ने की है।
ये माना जाता है कि महाकवि होमर अन्धे थे, वे यूनान की गलियों में इस महाकाव्य का गायन करते थे ,वहाँ के लोग उनके काव्य -गायन को बहुत पसन्द करते थे।इससे उन्हें साहस और वीरता की प्रेरणा मिलती थी।
इलियड में बहुत सारे पात्र हैं,जो वीर हैं ,चतुर हैं अतिथियों का सत्कार करने वाले उदार हैं ।इलियड ट्रॉय -युद्ध पर आधारित है ।अद्भुत सौन्दर्य की स्वामिनी हेलन को पैरिस भगा लाता हैऔर यही युद्ध का कारण बनता है।यूनान की संयुक्त सेना का ट्रॉय पर आक्रमण , और ट्रॉय का सर्व नाश ।मुख्य कथा के साथ अन्य वीरों से जुड़ी हुई कहानियों को भी पढ़ते हैं ।होमर ने जहाँ पुरुषों की ख़ूबी का वर्णन किया है,वहीं नारी पात्रों को भी गरिमा प्रदान की है।
ओडिसी महान वीर ओडिसियस के घर लौटने की कथा है ,मार्ग में होने वाली कठिनाइयों से बच कर आने की कथा है ।ओडिसी कई वर्षों तक घर से दूर रहे ओडिसियस और पिनेलपी के मिलन की कहानी है ।ओडिसी की कहानी ओडिसियस के कैलिप्सो में आठ वर्ष बीत जाने से शुरु होती है और उसके इथाका पहुँचने और उसकी पत्नी के प्रणय -निवेदकों से निबटने पर पूरी होती है ।इलियड का अंत दुखान्त है जबकि ओडिसी का अंत सुखान्त है।
ये महाकवि होमर की अनुपम कृतियॉं हैं ।