क्या ऐसी मुहब्बत होती है,कहीं
मैं चाहूँ और तुम मिल जाओ
मेरे दिल में आग हो और
इस आग में तुम जल जाओ
चाहत मेरे दिल की कभी
तुम पर ज़ाहिर हो न कभी
फिर भी तुम्हारे दिल में
मेरे दिल की तड़प भर जाये
मेरी तरसती आँखों में
रूह तुम्हारीघर कर जाये
कुछ मैं न कहूँ कुछ तुम न कहो
दिल की दिल को ख़बर हो जाये
क्या ऐसी मुहब्बत होती है,कहीं
मैं चाहूँ और तुम मिल जाओ
मेरे दिल में आग हो और
तुम जल जाओ
बहुत खूब लिखा है।।👌👌
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आपका बहुत बहुत शुक्रिया 😊😊😊😊😊
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nice…
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Thank you so much 😊 😊😊
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You are welcome…:-)
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😊😊😊
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It happens only one-sided love
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Very true 😊😊😊
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