कभी कभी कुछ रिश्ते दिल से शुरू होते हैं
और दिल में ही दफ़्न हो जाते हैं
उनकी क़िस्मत में ज़िन्दगी नहीं होती
कॉंच की किरचों से दिल में चुभे रहते हैं
बूँद -बूँद लहू से रिसते हैं
तक़दीर में उनकी कोई ख़ुशी नहीं होतीउनसे हमारा रिश्ता भी कुछ ऐसा है
राहें जुदा हैं फिर भी,बग़ैर उनके
हमारी कोई सहर नहीं होती ।
दिल के किसी कोने में छिपा था दर्द कहीं
इन शब्दों से
तुमने बयां किया!
बहुत ख़ूब।
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आपका बहुत बहुत धन्यवाद😊😊😊😊😊
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