कुछ लम्हे जो मैंने तुम्हारे साथ गुज़ारे हैं
ख़ूबसूरत सौग़ात है मेरी ज़िन्दगी की
मेरे सीने में सुलगती हैं वो यादें
धड़कती हैं साथ साथ मेरे दिल के
मेरे जीने की वजह हैं
रातों को धुआँ धुआँ होता है मेरा मन
उन्हीं यादों के गलियारे में भटकता हूँ मैं
ढूँढता हूँ वहीं सुकून के पल
जो कहीं खो गये हैं
पर अब भी बहते हैं लहू बनकर
मेरी नस नस में ।