मेरे सपनों में कोई जागता है रात भर,
कहता हूँ उसको ,न आया करो इस तरह
शोख़ नज़रों से देखता है मुझे ,कहता है
ख़्वाब तो तुम्हारे हैं क्यूँ देखते हो मुझे
नींद तो मेरी उड़ी है तुमको क्या?
लाजवाब हो जाता हूँ इस तरह,
इश्क़ की यही तो ख़ूबियाँ हैं
ज़ुल्म सहो कुछ कह भी न सको
कोई दिल में रहे और दिल से ही खेला करे
लिल्लाह कोई दिल में किसी को मेहमां न करे ।
Wow
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Thank you so much 😊 😊😊
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Khubsurat lekhan.👌👌
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आपका बहुत बहुत धन्यवाद😊😊😊😊😊
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ज़ुल्म सहो कुछ कह भी न सको wah bohot khubsurat kalpana hai!
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आपका बहुत बहुत धन्यवाद 😊😊😊😊😊
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Nice one
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Thank you so much 😊 😊😊😊😊
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Welcome
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😊😊😊😊😊
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