कुछ सुलग रहा है दोनों तरफ़
अलाव जल रहा है जैसे
आँच सी दहकती है
तपिश है तेरे प्यार की ऐसे
नज़रों का मिलना तौबा तौबा
दिल निकल कर तेरे क़दमों में बिछा जाता है
पहलू में जो तीर सा गड़ा है
वो तेरी नज़र से कुछ तिरछा लगा है
पहले कभी ये हालत तो न थी
जैसी अब है वैसी तबियत भी न थी
कुछ सुलग रहा है दोनों तरफ़
अलाव जल रहा है जैसे
आँच सी दहकती है
khubsurat lekhan.
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आपका बहुत बहुत धन्यवाद😊😊😊😊😊
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नाइस
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Thank you so much 😊
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