मन तो है मेरा बावरा ,क्या जाने ये जग की रीत
मन से मन के तार जुड़े तो ,हो जाती है प्रीत
मन की बात जो मन तक पहुँचे ,तो है सच्ची प्रीत
मेरे मन की मन में रखे ,वो मेरा मनमीत
मन की मेरे पीर जो समझे, मेरे मन का मीत
मन की मन से बात हुई मन की मन से प्रीतमन कहे मन ही सुने ,कैसी मन की रीत
मन जाने मन ही पहचाने ,मेरे तेरे मन के गीत