दिल में मेरे ,उनके क़दमों की आहट है
गुज़रते है इस तरह ,दिल की राहों से वो
चाहतों में बसे है ,इस क़दर से
फिर भी अजनबी से लगते हैं ,जाने क्यों
बेसबब हैं बेताबियां मेरी ,जानता हूँ मैं
दिल लगाये बैठा हूँ ,फिर भी उन्हीं से यों
ख़्वाब उनके हरदम ,तसव्वुर भी उनका
चौंक जाता हूँ आहटों पे ,जैसे आये हैं वो
मुहब्बतों का आलम है ,खोया हुआ हूँ मैं
मेहरबाँ होके चले आयेंगे ,शायद वो।
Bahut badhiya…..Khubsurat.
LikeLiked by 1 person
आपका बहुत बहुत धन्यवाद😊😊😊😊😊
LikeLike
Waah👌
LikeLiked by 1 person
शुक्रिया😊😊😊😊😊
LikeLike