हज़ार रंग हैं मेरी मुहब्बत के जानम
तुम चुन लो मैं उसी रंग में ढल जाऊँगा
पानी की मानिन्द शफ्फाक मुहब्बत है मेरी
जो राह बनाओगे गुज़र जाऊँगा
गुज़रो कभी इधर तो,वो मंज़र भी देखना
दिल की सुर्खी सा तेरे क़दमों में बिखर जाऊँगा
कोई कस्में नहीं कोई वादा नहीं करता तुझसे
मर के भी वफ़ा तुझसे निभा जाऊँगा
Waah..!!
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Thank you so much 😊 😊😊😊😊
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