सन्नाटा भी बोलता है कभी
सुनो ,आती है आहटें
बन्द करो ,ज़रा आँख
कितनी यादें करवट लेती हैं दिल में
तुम सुनो तो …।
जागी आँखों के सपने कैसे होते हैं
देखो …।
ज़िन्दगी कैसे पलों में सिमटती है
सन्नाटे में भी कितना शोर होता है
कभी -कभी बेचैन हो जाता है कितना
दिल भी घबराता है इतना
वो यादें ,वो आहटें ,वे बीते हुये पल
घेर लेते हैं मुझे
सन्नाटा बोलने लगता है ,सुनने लगता है,
चीख़ती है आवाज़ें
कभी ,सुनो ,देखो ,किस क़दर बोलता है,
सन्नाटा …।
bahut khub….sannate bolte hain.
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आपका बहुत बहुत धन्यवाद 😊😊😊😊😊
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Kya baat hai… Jabardast
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Thank you so much 😊
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Very nice
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Thank you so much 😊
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