अपनी ख़्वाहिशों को पाबन्द कर दो
यहाँ हर ख़्वाहिश पूरी नहीं होती
ख़ुशियों में मिलेंगे सब दोस्त
ग़म में मगर दुनिया शरीक नहीं होती
मैं तो कर देता बग़ावत सबसे
काश ज़िन्दगी इतनी बेतरतीब नहीं होती
कहीं न कहीं कुछ तो कमी सी है
अब किसी से कोई उम्मीद नहीं होती
न कहीं राह है न मंज़िल कोई
इस तरह काश ज़िन्दगी खोई नहीं होती ।
Advertisements
WAAH…..BEHTARIN RACHNA.
LikeLiked by 1 person
Thank you so much 😊 😊😊😊😊
LikeLike
Aafrin
LikeLiked by 2 people
आपका बहुत बहुत शुक्रिया😊😊😊
LikeLike
Waah
LikeLiked by 2 people
Thank you so much 😊 😊😊😊😊
LikeLike