बार बार वजह न पूछा करो
कभी बेवजह भी चले आया करो
मेरी नामुराद मुहब्बत में अपनी
चाहत के रंग भर जाया करो
तुम्हें कभी पाया तो नहीं फिरभी मैं तुमसे जुदा तो नहीं
चलो बहाने से कभी ख़ैरियत ही पूछ जाया करो
लहू बन के जो तेरे रगे जाँ में रहा है यारब
ख़ामोशियों को उसकी,समझ तो जाया करो
माना कि नज़दीकियों का हुनर नहीं हममें
फ़ासले इस तरह तुम न बढ़ा जाया करो
कभी चाहता हूँ कुछ न कहूँ तुमसे
कभी तुम ही मुझे नाम से बुलाया करो
khubsurat…..yachna.
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Thank you so much 🙏🙏🙏
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बेहद खूबसूरत ज़ज्बातों का शामियाना है आपकी नज़्म।
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Thank you so much for your kind words 😊😊😊
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Most most welcome,dear🌹🌹🌹🌹
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😊😊😊😊
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