मैं चीख़ता हूँ कभी कभी
अपनी पूरी ताक़त के साथ
बावजूद इसके कि ऊपर से मैं
शांत और संयत दिखता हूँ
मैं बहुत रोता भी हूँ
बिलख बिलख कर
पर मेरा रोना किसी को पता नहीं चलता
कई बार मैं रो रहा होता हूँ
जार जार
पर मेरे होंठों पर मुस्कराहट होती है
दिल दुख से भरा होता है
फिर भी ख़ुश लगता हूँ
सब के सामने मैं
कई चेहरे रखता हूँ मैं
ज़रूरत के साथ
बदल लेता हूँ चेहरा
कभी ख़ुशी के साथ कभी मुस्कराहट से
कई चेहरे हैं मेरे पास
जिन्हें बदलता रहता हूँ
मैं बार बार ।
Baby..this is so absolutely magnificent that I have to find words to describe such poignant piece of work.Keep writing.
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Thank you so much for your kind words 😊😊😊
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सच है हर कोई कई चेहरे रखता है।
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😊😊😊
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बहुत अच्छी अभिव्यक्ति है
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आपका बहुत बहुत धन्यवाद😊😊😊
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स्वागत
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Har ek shabdh mein dard hai… Haseen kavita…❤
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Thank you so much 😊😊😊
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Very well written 🙂
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Thank you so much 😊
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