अपनी हदें जानता हूँ लेकिन
जब तुम सामने आते हो
दिल सारी हदें भूल जाने लगता है
बहुत सारी उम्मीद नहीं करता
चाहता हूँ तुम बैठे रहो
मैं यूँ ही तुम्हें देखता रहूँ
तुम मेरे न हो न सही
मैं तो तुम्हारा ही हूँ
आज भी कल भी
हमेशा ही
मेरा हर लम्हा तुम्हारे लिये है
मेरे हर लम्हे में
तुम हो सिर्फ़ तुम