अहसास जागते गये
पलकें नम होती रहीं
बोझ दिल का
और आँखें बरसती रहीं
मुद्दतों राह देखा किये हम
ज़िन्दगी ख़्वाबों को राख करती रही
ख़्वाहिशों का बोझ दिल पर लिये हुये
तमन्नायें आँसुओं में ढलती रहीं
हाथों की लकीरों में बसा कर मुझको
क़िस्मत रोज़ नये दाँव चलती रही
वो मिला था मुझको नसीब से
बदनसीबी मगर साथ साथ चलती रही
Simply awesome 👍👍👍
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Thank you so much 😊
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Your Welcome 😊😊😊😊
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😊😊😊😊
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Good-Good…
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Thank you so much 😊
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Welcome.
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😊😊😊
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