वो मेरा दोस्त भी है
मेरा हमनजर भी है
मेरे लिये है वो
दुआ भी है
मेरी ज़िन्दगी में शामिल
खुदा का एक
रहनुमा भी है
वो दूर है पर दूर नहीं
है पास भी पर पास नहीं
ये भी कुछ ऐसा रिश्ता है
वो ख़ास नहीं पर ख़ास भी है
मिल जाता है वो कभी मुझे
जब मिलने की कोई आस नहीं
वो हर रिश्ते में जुड़ा हुआ
वो हर मुश्किल में खड़ा रहा
ईश्वर के वरदान सा है
है साथ सदा पर पास नहीं
वो कोई नहीं है रिश्ते में
है सबसे ज़्यादा ख़ास वही
Splendid
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Thank you so much 😊
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